Saturday, January 16, 2010

भूख से हुई मौत ....

शेरघाटी से महज़ १२ किलो मीटर की दूरी पर स्थित डोभी में हुई भूख से मौत का भूत सरकारी अमले की नींद में खलल डाल रहा है.तमाम दावे -प्रतिदावे के बावजूद हालत जस की तस है!आज भी प्रत्येक अंत्योदय योजना वाले परिवार को 35 किलो प्रत्येक माह अनाज देने की अनदेखी कर 25 किलो का कूपन मिल रहा है.महादलित बस्तियों की स्थिति अच्छी नहीं है। एक व्यक्ति को सिर्फ चलने के लिए 1200 कैलोरी की जरूरत है। जो यहां नहीं मिल रहा है।

सरकार कर्तव्य का पालन करने में असफल

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विशेष आयुक्तहर्ष मंदर गत दिनों सुबह डोभी प्रखंड के बनवारा गांव पहुंचे . जहां अक्टूबर 2006 में एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत भूख से हो गयी थी. जांच टीम के साथ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे। विशेष आयुक्त हर्ष मंदर के द्वारा मृतक के परिजनों से परिवार के तीन सदस्यों की मौत का पूरा जायजा लिया। परिजनों के द्वारा जांच टीम सदस्य के सामने अनाज की विकट समस्या, गरीबी, बेरोजगारी बताते हुए अनाज के अभाव में तड़प-तपड़पकर भूख से मौत होने की बात कही। नरेगा के तिहत भी ग्रामीणों को काम नहीं मिल रहा है ।



मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने विकास के जो भी दावे किये जा रहे हों। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष आयुक्त हर्ष मंदर व्यवस्था से खुश नहीं थे। उन्होंने साफ शब्दों में यह माना कि इस महादलित टोलों में जो उन्होंने देखा उससे यह कहा जायेगा कि- गया में भूख के साथ लोग जी रहे हैं।

विशेष आयुक्त चकित थे कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद सरकार की जो योजनाएं हैं वह उन तक क्यों नहीं पहुंच रही है । उन्होने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि पिछले दिनों जो मौत की घटनाएं हुई है। उनके लिए जिम्मेवार व्यक्ति पर कार्रवाई होगी। यहाँ की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेंगे।

जिलाधिकारी से गया की विकास योजनाओं की स्थिति पर अपनी राय रखते हुए विशेष आयुक्त ने बताया कि वे छह स्थानों पर जिलाधिकारी का पद संभाल चुके हैं। वे भलीभांति उस पद की जिम्मेदारी को जानते हैं। उनकी अपनी कुछ मजबूरी हो सकती है। मूल रूप से वे खुलकर तो नहीं। लेकिन इतना बताया कि जिले में नरेगा, आंगनबाड़ी केन्द्र और जनवितरण प्रणाली की व्यवस्था अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि अब गांव तक पहुंचने वाले कार्यक्रम योजना नहीं लोगों के अधिकार हैं। सरकार आज भी कर्तव्य का पालन करने में सफल नहीं है। विशेष आयुक्त के साथ चल रहे रूपेश जी राज्य खाद्य प्रबंधन से जुड़े हैं। ये निकट भविष्य में गया आकर जनवितरण प्रणाली की व्यवस्था पर कार्य करेंगे। दो दिवसीय दौरे के बाद विशेष आयुक्त पुन: दिल्ली लौट गये।

2 comments:

अजय कुमार said...

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
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shama said...

Swagat hai...aisee hee jwalant samyayen lekar likhte rahen..jan jagruti ki nihayat zaroorat hai!